रायपुर 4 सितंबर 2023।आदित्य एल1 मिशन, सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत की पहली अंतरिक्ष मिशन है । इस मिशन का उद्देश्य नृविक्षिप्ति/चिपटान के बिना सूर्य को निरंतर देखने की संभावना के साथ प्रक्षेपित किया गया है, जो सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रांज पॉइंट 1 (L1) के आस-पास 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर होता है। L1 पॉइंट के चारों ओर स्थित है, इसका मुख्य फायदा है कि यह बिना किसी छवि/ग्रहण के सूर्य को निरंतर देख सकता है। यह सूर्य की गतिविधियों का और इसके अंतरिक्ष मौसम पर उनके प्रभाव को वास्तविक समय में देखने का बड़ा फायदा प्रदान करेगा।
इस मिशन के बारे में आधिकारिक जानकारी के अनुसार, संवाहक खगोलशास्त्र (सूर्यमंडल और बिजली तथा कण और चुंबकीय क्षेत्र जांचक) के उपयोग से सूर्य के फ़ोटोस्फियर, क्रोमोस्फियर, और सूर्य के सबसे बाहरी परतों (कोरोना) की जांच करने के लिए सात पेलोड्स के साथ यात्रा करेगा। L1 के विशेष दृष्टिकोण से, चार पेलोड्स सीधे सूर्य को देखेंगे और शेष तीन पेलोड्स लैग्रांज पॉइंट L1 पर कणों और क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे, इस प्रकार अंतरिक्ष मौसम के सौर गतिविधियों के प्रसार के महत्वपूर्ण अध्ययन प्रदान करेंगे।
“आदित्य एल1 के सुट्स की उम्मीद है कि वो कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, पूर्व-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं, अंतरिक्ष मौसम की गतिविधियों, कणों और क्षेत्रों के अध्ययन की समस्या को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करेंगे,”