बी एन सी मील। राजनांदगांव जिले के शहर मुख्यालय में बलदेव बाग स्थित बीएनसी मिल का जाने इतिहास कब हुई थी स्थापना और क्या हुआ आखिर में 1892 में स्थापित, BNC मिल न केवल छत्तीसगढ़ की पहली सूती कपड़ा निर्माण इकाई थी, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहली औद्योगिक इकाई भी थी।
मूल रूप से मुंबई के मैकवर्थ ब्रदर्स द्वारा 1892 में राजनांदगांव के राजा बलराम दास के सहयोग से सेंट्रल प्रोविंस मिल (सीपी मिल) के नाम से स्थापित किया गया था, इसके बाद 1897 में कोलकाता की सॉ-बोलिन्स कंपनी को इसे बेच दिया गया था और पुनः बंगाल नागपुर कॉटन मिल के नाम से फिर से स्थापित किया गया था।
ठाकुर प्यारेलाल सिंह के नेतृत्व में भारत के पहले श्रमिक हड़ताल और आंदोलन का जन्मस्थान भी बीएनसी मिल ही था।
यह मिल लगभग 5000 लोगों को रोजगार देती थी
BNC मिल पूरे देश में अच्छी गुणवत्ता वाले मच्छरदानी के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध थी।
इस मिल ने राजनांदगांव की वित्तीय रीढ़ को मजबूत किया था।
बहुत पहले लगभग बंद हो चुकी बीएनसी मिल, वित्तीय घाटे की निरंतर रिपोर्टिंग के चलते 2002 में पूरी तरह से बंद कर दी गयी।