कवर्धा 28 सितंबर 2024। कबीरधाम जिले में स्थापित 11वीं शताब्दी की प्राचीन, ऐतिहासिक, पुरातात्तविक एवं जनआस्था से जुडे़ स्थल भोरमदेव मंदिर की केमिकल ट्रीटमेंट वाटर रूफिंग किया जा रहा है।
मंदिर का सुदृढ़ीकरण और संरचना का संरक्षण
पिछले माह ‘सुन लो मेरी करूण पुकार बचा लो मुझे सनातनी सरकार…’ शीर्षक के साथ भोरमदेव मंदिर की जीर्ण अवस्था का वर्णन किया था। इस खबर पर संज्ञान लेते हुए कवर्धा विधायक व गृहमंत्री विजय शर्मा ने संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा कबीरधाम जिले के नागरिकों व पुजारी के साथ भोरमदेव मंदिर के जीर्णोद्धार के संबंध में बैठक ली थी। बैठक में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और मंदिर परिसर के विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बरसात के दिनों में पानी रिसाव की समस्या को दूर करने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
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भोरमदेव मंदिर के 11वीं शताब्दी के इस ऐतिहासिक धरोहर के सुदृढ़ीकरण के लिए पहले ही 65 लाख 51 हजार रुपये स्वीकृत किए गए थे। वीएनएस की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने द्वितीय किस्त के रूप में 21 लाख 67 हजार रुपये की राशि भी जारी कर दी है। इससे पहले प्रथम किस्त के रूप में 32 लाख 80 हजार रुपये स्वीकृत किए गए थे।
इसके बाद संस्कृति और पुरातत्व विभाग द्वारा मंदिर के केमिकल ट्रीटमेंट और वाटरप्रूफिंग कार्य में तेजी आई है। बारिश के दौरान पानी के रिसाव की समस्या को हल करने के लिए उपमुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे, जिसका परिणाम यह है कि अब इन कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है।
उपमुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मंदिर के विकास के अन्य कार्य जैसे श्रद्धालुओं के लिए शेड निर्माण, चौकीदार क्वार्टर को अन्यत्र शिफ्ट करना, वीआईपी रूम का निर्माण और मंदिर की दीवारों पर ग्रिल और गेट लगाने के काम पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा, भैरव मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और हनुमान मंदिर की पारंपरिक संरचना को बरकरार रखते हुए सुदृढ़ीकरण कार्य हो रहे हैं।
नियमित निरीक्षण और कार्य की गति
भोरमदेव मंदिर के मरम्मत और सुदृढ़ीकरण का काम पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में बिना किसी क्षति के हो रहा है। अधिकारियों द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है ताकि कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
खबर का व्यापक प्रभाव
खबर के बाद राज्य सरकार ने मंदिर के विकास और सुदृढ़ीकरण कार्यों में तेजी लाने के साथ-साथ अतिरिक्त राशि जारी कर दी है। इससे यह सुनिश्चित हुआ है कि भोरमदेव महोत्सव से पहले सारे काम समय पर पूरे हो सकें और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
प्राचीन भोरमदेव मंदिर को मजबूत एवं संरक्षित के लिए तकनीकी रूप से कार्य किया जा रहा है। इसके लिए चरणबद्ध और पुरात्तव विभाग के सुरक्षा मानकों के अनुरूप कार्य किए जा रहे है। इस कार्य को पुरातत्व विभाग के मार्गदर्शन में कार्य करा रहे है। सभी सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत कार्य मंदिर को बिना क्षति किए विशेष देखरेख में किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारीयों द्वारा लगातार कार्यों मंदिर में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया जा रहा है। भोरमदेव मंदिर कबीरधाम जिले ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश में ऐतिहासिक, पुरातात्तविक एवं जनआस्था के केद्र के रूप में इसकी एक विशिष्ठ पहचान है।