नई दिल्ली 4 नवंबर 2022। राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन की राष्ट्रीय संचालन समिति की पहली बैठक कृषि भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में श्री तोमर ने एनएमएनएफ के पोर्टल का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि देश में प्राकृतिक खेती के मिशन पर सभी के सहयोग से आगे बढ़ा जाएगा।
उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को राज्य सरकारों व केंद्रीय विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने व मार्केट लिंक को सक्षम बनाने को कहा, ताकि किसानों को उनके उत्पादों की बिक्री में और ज्यादा आसानी हों। बैठक में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह व जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एवं उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा एवं विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
लोकार्पित पोर्टल को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। इसमें मिशन, कार्यान्वयन रूपरेखा, संसाधन, कार्यान्वयन प्रगति, किसान पंजीकरण, ब्लॉग आदि के बारे में सभी जानकारी शामिल हैं, जो किसानों के लिए उपयोगी होगी। साथ ही, यह वेबसाइट देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अच्छी पहल की गई है। उन्होंने इस संबंध में अपने सुझाव भी बैठक में दिए। जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गंगा किनारे प्राकृतिक खेती के लिए काम किया जा रहा है। जल शक्ति मंत्रालय ने सहकार भारती के साथ एमओयू करके पहले चरण में 75 सहकार गंगा गांवों को चिन्हित कर रोडमैप बनाया और किसानों को ट्रेनिंग दी गई है।
उ.प्र. के कृषि मंत्री श्री शाही ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना प्रारंभ किया गया है। हर विकासखंड में काम करने का लक्ष्य रखा गया है और मास्टर ट्रेनिंग कराई जा चुकी है। बैठक में बताया गया कि दिसंबर-2021 से 17 राज्यों में 4.78 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त क्षेत्र प्राकृतिक खेती के तहत लाया गया है। 7.33 लाख किसानों ने प्राकृतिक खेती में पहल की है। किसानों के सेनेटाइजेशन और प्रशिक्षण के लिए लगभग 23 हजार कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। चार राज्यों में गंगा नदी के किनारे 1.48 लाख हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती को लागू किया जा रहा है।
कृषि और कृषि अर्थव्यवस्था भारत की ताकत: तोमर
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश सकारात्मक बदलाव की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान परिवेश देश में बदला हुआ है और भारत के लिए दुनिया में भी बदला हुआ है। आज हमारे पास देश को हर दृष्टि से मजबूत बनाने की अनुकूलता है और इस दिशा में हम सबको मिलकर आगे बढऩे की आवश्यकता है। श्री तोमर ने यह बात प्रगति मैदान, नई दिल्ली में इंडिया केम-2022 (12वां द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन व प्रदर्शनी, विजन-2030- भारत निर्माण में रसायनों व पेट्रोरसायनों की भूमिका) में कही।
केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय और फिक्की द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि कि देश के समस्त क्षेत्रों में समन्वय से हम सब निश्चित अवधि में अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। सरकार, किसान, इंडस्ट्री सभी का एक ही उद्देश्य है कि हमारे काम के सकारात्मक परिणाम आएं। यहीं भावना एक-दूसरे को और देश को आगे बढ़ाने में भी मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि कोविड की मार से दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी तक नहीं उबर पाई हैं लेकिन आज हमारा देश अच्छी अवस्था में खड़ा हैं। इसका कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समय पर उठाए गए जरूरी कदम हैं।
केंद्र सरकार ने एमएसएमई सहित अन्य इंडस्ट्री के लिए तथा खेती-किसानी व आम गरीब आदमी के लिए भी एक के बाद एक अनेक प्रयत्न किए। समय पर वैक्सीन बनाने, पीएलआई जैसी स्कीम सहित अर्थव्यवस्था को इंजेक्शन देने का काम किया गया। श्री तोमर ने भारत में कृषि की प्रधानता के संदर्भ में कहा कि किसी भी व्यक्ति का और देश का मूल पिंड कभी नहीं बदलता है। हमें आगे बढऩा है तो मूल पिंड को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अपनी प्रधानता को पहनान कर उसे मजबूत बनाएंगे तो देश भी मजबूत बनेगा। कृषि, देश का व्यापक क्षेत्र है व कृषि अर्थव्यवस्था भारत की ताकत भी है।
कृषि फायदे में हो, उत्पादन-उत्पादकता बढ़े, केमिकल-फर्टिलाइजर का समुचित उपयोग हो, इसके लिए जागरूकता आए, सॉइल हेल्थ के प्रति जागरूकता बढ़े, यह सब कृषि के विकास के लिए जरूरी है। एक समय था जब खेती के बारे में खाद-बीज की उपलब्धता या सिंचाई के साधन खड़े करने तक ही विचार किया जाता था। बीज वाला बीज की सोचता था, फर्टिलाइजर वाला अपना फायदा देखता था, हमेशा एकांकी विचार किया जाता था, समुच्चय विचार का अभाव था, लेकिन अब किसी भी सेक्टर के बारे में जब विचार हो तो समग्र रूप से विचार करने की जरूरत है। जब ऐसा होता है तो इसका फायदा सभी को मिलता है। किसानों को फायदा मिलेगा और देश को भी तथा रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस दिशा में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार गत आठ वर्षों से काम कर रही है।