नईदिल्ली/रायपुर 2 जून 2022। राज्यसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार डॉ. हरिदास भारद्वाज का नामांकन निरस्त हो गया है। बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद यह फैसला किया। रिटर्निंग अफसर की ओर से कहा गया, डॉ. भारद्वाज ने न्यूनतम 9 प्रस्तावक होने की अनिवार्य शर्त को पूरा नहीं किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। इसकी घोषणा और निर्वाचन प्रमाण पत्र 3 जून को दिए जाएंगे।

राज्यसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन 31 मई को कांग्रेस की ओर से राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन ने नामांकन किया था। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की ओर से डॉ. हरिदास भारद्वाज ने पर्चा दाखिल किया। इसपर विधायक दल के तीनों सदस्यों, डॉ. रेणु जोगी, धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा ने प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किए थे। यह नामांकन पत्र दो सेट में रिटर्निंग अफसर दिनेश शर्मा को दिया गया था।
मैं छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान को बचाने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया हूं – डॉ हरीदास भारद्वाज
नामांकन के बाद डॉ. हरिदास भारद्वाज ने कहा था,”मैं हार-जीत के लिए या किसी राजनीति के लिए नही बल्कि, मैं छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान को बचाने के लिए अपना नामांकन दाखिल किया हूं। विधानसभा में बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच हुई। इस दौरान कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों का ही पर्चा वैध पाया गया। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार डॉ. हरिदास भारद्वाज का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार के प्रस्तावक के तौर पर केवल तीन विधायकों के हस्ताक्षर
राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग अफसर और विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा ने बताया, उम्मीदवारी के लिए विधानसभा की कुल सीटों के 10% विधायकों का प्रस्तावक होना अनिवार्य शर्त है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के उम्मीदवार के प्रस्तावक के तौर पर केवल तीन विधायकों के हस्ताक्षर थे। इस आधार पर नामांकन खारिज किया गया है। अब दो सीटों के लिए केवल दो उम्मीदवार ही मैदान में रह गए हैं।
जनता कांग्रेस का यह है तर्क
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी का तर्क था कि विधानसभा के कुल विधायकों के 10% की शर्त निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए है। पार्टी समर्थित उम्मीदवार के लिए संबंधित पार्टी के 10% विधायकों का प्रस्ताव और समर्थन काननून जरूरी है। यहां तो उनके दल के 100% विधायकों ने प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किए हैं। अमित जोगी ने नामांकन खारिज होने पर अदालत जाने की चेतावनी दी है।