बालोद 28 मई 2022। जिले में बड़े स्तर पर खनिज न्यास निधि की राशि आमजनों के सुविधाएं और बेहतरी के लिए आबंटित की जाती है। खनिज न्यास निधि के राशि से जिले में विकास कार्य भी किए जाते है और इसी राशि का दुरुपयोग भी किसी से छिपा नही है।बता दें खनिज न्यास निधि के राशि से ग्राम पंचायत सिवनी के अंतर्गत घोटिया चौक से कलेक्ट्रेट तक वर्ष 2020-21 में 50 नग सोलर स्ट्रीट लाइट लगाए गए थे,जिसकी एजेंसी ग्राम पंचायत सिवनी को बनाया गया था।डीएमएफ फंड के तहत 50 नग सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए 10 लाख रुपए का बजट था,ऐसा सरकारी कागजों में दर्शाया गया है।अब इनमे से बहुत से स्ट्रीट लाइट देख रेख और मेंटेनेंस के अभाव मे कबाड़ मे तब्दील हो चुके है तो बहुत से टुट फुट गये है बन्द लाइट्स केवल शो पीस बन कर रह गया है इतना फंड खर्च करने के बावजूद जिन अधिकारियों ने इस काम को मंजूरी दी थी और जिन अधिकारियों के कंधो पर जिले को रौशन करने की जिम्मेदारी है वे खुद अंधेरे के साए में आना जाना कर रहे है।सोलर स्ट्रीट लाइट के बंद होने से आमजनों का भी शाम के समय मे कलेक्ट्रेट की तरफ जाना और आना दूभर हो गया है। मेंटेनेंस के अभाव में अब ये स्ट्रीट लाइट पूरी तरह बंद हो चुके हैं आपको बता दे के मुख्यमंत्री भेंट कार्यक्रम के प्रवास से पहले लगातार जिला प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है प्रशासन सिर्फ अपनी वाहवाही कराने मे व्यस्त नजर आ रहा है जमीनी स्तर पर आम लोगो को प्रशासन के किये हुए कार्यो से कोई लाभ मिलता नही दिख रहा है कलेक्ट्रेट के पास ही ऐसी स्थिति है तो जिले के अन्य जगह की स्थिति क्या होगी।अब सवाल यह उठता है कि इतने रुपए खर्च करने के बाद भी क्यो आम जनता और खुद अधिकारियों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है।सोलर स्ट्रीट लाईट बन्द होने के बाद क्यों अभीतक खुद राशि आबंटन करने वाले अधिकारियों ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया? डीएमएफ फंड की राशि आमजनों के बेहतरी के लिए है तो लोगों को परेशानियों का सामना क्यों करना पड़ रहा है? क्या इस मामले में उन अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी जिन्होंने इस काम के लिए सुर्खियां बटोरी थी?