रायगढ़ 18 जनवरी 2023। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यकों के लिए बीते चार वर्षों में ज़रा भी कारगर साबित नहीं हो पाई। अल्पसंख्यकों के कल्याण का दावा करने वाली सरकार में यह दावा कोरे नारे की तरह रह गया है। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार अल्पसंख्यक हित के नाम पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है।
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और छत्तीसगढ़ राज्य उर्दू अकादमी की पूर्व उपाध्यक्ष नज़मा अज़ीम ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आरोपों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भूपेश बघेल की सरकार ने तमाम अल्पसंख्यकों को आश्वासनों का झुनझुना ही थमाया है। भाजपा नेत्री नज़मा ने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अल्पसंख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड , वक्फ बोर्ड और उर्दू अकादमी जैसी संस्थाएं कार्य कर रही हैं। बीते 4 वर्षों से राज्य की सरकार ने इन सभी संस्थाओं को निष्क्रिय कर रखा था।
नजमा ने कहा कि चुनाव के साल में इन संस्थाओं में अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति करना इस बात को साबित करता है कि कांग्रेस सरकार चाहती ही नहीं थी कि अल्पसंख्यकों का कल्याण करने वाली ये संस्थाएं पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ अल्पसंख्यकों का समुचित विकास करे, यदि यह इरादा सरकार का होता तो इन संस्थाओं में नियुक्ति सरकार बनने के साथ ही हो जाती। नज़मा ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड के पास भी मुस्लिम अल्पसंख्यकों की शिक्षा सहित कई मामले लंबित पड़े हुए हैं, इन संस्थाओं में चुनाव के ठीक पहले नियुक्ति करने का कोई औचित्य नहीं है।
वहीं कहा कि इसी तरह उर्दू भाषा का विकास एक निरंतर प्रक्रिया है, लेकिन राज्य सरकार ने अंतिम दिनों में उर्दू अकादमी में अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की है, जिनके पास उर्दू भाषा के विकास को लेकर कोई योजना नहीं है। अगर योजनाएं बनती भी है तो उनके क्रियान्वयन के लिए समय नहीं है । नज़मा ने कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों को लेकर बड़े बड़े दावे करती है लेकिन सत्ता में आने के बाद उनके सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।